Saturday, April 14, 2012

11th april 2012 afternoon / mera IAS interview part 1

11 तारीख को AFTERNOON में interview था इसलिए इतनी नींद लेना चाहता था कि पूरे दिन मस्त रहू उबासी न आये अतः 10 अप्रैल की रात को जल्दी सोया और कोशिश की देर तक सोता रहू पर नींद जब लेना चाहो तब आती नहीं , रात को 3 बजे नींद खुल गयी , घनघोर अंधेरी रात , साए- साए करती ठंडी हवा ,हलकी वर्षा और नींद ऐसी उड़ी कि फिर 6  बजे तक नहीं आई ,[ करवटे बदलते रहे सारी रात हम , आपकी कसम ], 6 बजे के बाद कब नींद आ गयी पता ही न चला , 8 बजे अखबारवाला आया तो नींद खुली , खैर अब तो उठना ही था , उठे ,the hindu  को पूरा चाट डाला, अंग्रेजी इतनी अच्छी नहीं है सो भाई लोगो की मदद ले कर इंडियन एक्सप्रेस तथा times of india  की मुख्य खबरो  की चटनी बना डाली , 
      लेकिन समय तीव्र गति से क़यामत की और बढ रहा था , पञ्च भूत से बनी इस काया को पर्याप्त पानी से धो पोछ कर अति सुंदर नीले वस्त्र धारण किये गए , और रणभूमि [ upsc ] की और प्रयाण किया गया , अत्याधुनिक तीव्र वेग गामी वात रक्षित यान [ मेट्रो ट्रेन ] के द्वारा मात्र 25  मिनट में हम धोलपुर हाउस के स्वागत द्वार पर खड़े थे, 
    एक खाखी वस्त्र धारिणी महिला ने  कागजात की जाँच के उपरांत हमे अंदर जाने की अनुमति प्रदान की ,वेटिंग  हॉल में सभी लोगो के orignal  document की जाच की गयी ,तभी ये सनसनाती खबर आई की हमारा विजय सिंह सर का बोर्ड है , हम 6  लोगो ने राहत की साँस ली क्यूंकि खलीफा लोगो [ घनघोर अनुभव युक्त ]  का मानना है कि upsc  में सबसे कूल और cordial  बोर्ड है ,जबकि पॉल बाबा का बोर्ड जिनका आया था वे लोग बाकी लोगो की तरफ देखकर मुस्करा रहे थे [ क्यू इतना मुस्कुरा रहे हो क्या ग़म है जो छुपा रहे हो ] खलीफा लोगो ने कहा है कि k.k.paul एक stone faced man है interview का आधा घंटा एक यंत्रणा के समान बीतता है , 
    एक एक कर सब अपने अपने interview बोर्ड के सामने जाने लगे , करीब 4 बजे मेरा नंबर भी आया , एक कर्मचारी ने आकर कहा mr . xxx  मैंने कहा हा जी , चलो [ बुलावा आया है ] एक कमरा जिसके बाहर लिखा था विजय सिंह मुझे बिठा दिया गया ,ये समय सबसे ख़राब होता है जब आप किसी से कोई बात नहीं कर सकते और केवल आपसे पहले गए candidate का इंतजार करना होता है  हालाँकि मै आराम से था पर धीरे-धीरे  दिल कि धड़कन बढने लगी , सिर गर्म होने लगा , तभी किसी पास रखा टेबल फेन चला दिया , ठंडी हवाए लहराके आये , मेरा सिर कुछ  ठंडा हुआ , मुझसे पहले गयी  महिला तभी बाहर आ गई , वो बड़ी खुश थी, कुछ मिनट के अंतराल के पश्चात घंटी बजी, नीली बत्ती जल उठी , उसी कर्मचारी ने दरवाजा खोल कर मुझे अंदर जाने का इशारा किया , मै प्रसन्नवदना अंदर दाखिल हुआ 
      ME- myself,
      CH- vijay singh sir, 
      M1-member one
      M2-member two
      M3-member three
      M4-member four
   may i come in sir 
चेयेरमैन सर बोले - अरे come  in   बैठिये
   good afternoon sir के संबोधन के साथ सिर झुका कर दोनों तरफ wish किया ,